Saturday, April 9, 2011

बरकरार रखना होगा भ्रष्टाचार से लड़ने का जज्बा Dainik jagran 10.04.2011 बरेली : जन लोकपाल बिल पर सरकार के झुकने का जश्न बरेली में भी मना। चौकी चौराहा के गांधी प्रतिमा पार्क में पोस्टर लगाकर संदेश दर्ज किये गए। बरेली यूथ के शफीकुद्दीन, पम्मी खां वारसी, भूपेन्द्र सिंह, फिरोज अहमद, मुन्ना चौधरी ने बताया कि पोस्टर पर पांच दिन तक संदेश दर्ज किये जाएंगे। अन्ना की जीत की खुशी में शनिवार को हिंदू जागरण एकता समिति ने सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से पटेल चौक तक कैंडिल मार्च निकाला। इस मौके पर भ्रष्टाचार को मिटाने का संकल्प लिया गया। मार्च में मोहन लाल कश्यप, मनोज सक्सेना, नरेन्द्र पाल, आशीष गुप्ता, हरवेन्द्र, कमल अग्रवाल, रूचिर गौरव, संजीव कुमार सक्सेना आदि मौजूद रहे।











बरकरार रखना होगा भ्रष्टाचार से लड़ने का जज्बा Dainik jagran 10.04.2011
बरेली : जन लोकपाल बिल पर सरकार के झुकने का जश्न बरेली में भी मना। चौकी चौराहा के गांधी प्रतिमा पार्क में पोस्टर लगाकर संदेश दर्ज किये गए। बरेली यूथ के शफीकुद्दीन, पम्मी खां वारसी, भूपेन्द्र सिंह, फिरोज अहमद, मुन्ना चौधरी ने बताया कि पोस्टर पर पांच दिन तक संदेश दर्ज किये जाएंगे। अन्ना की जीत की खुशी में शनिवार को हिंदू जागरण एकता समिति ने सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से पटेल चौक तक कैंडिल मार्च निकाला। इस मौके पर भ्रष्टाचार को मिटाने का संकल्प लिया गया। मार्च में मोहन लाल कश्यप, मनोज सक्सेना, नरेन्द्र पाल, आशीष गुप्ता, हरवेन्द्र, कमल अग्रवाल, रूचिर गौरव, संजीव कुमार सक्सेना आदि मौजूद रहे।

Friday, April 8, 2011

MISSION CORUPTION REVOLUTION & SOCIAL WORKER ANNA HAZARE WITH SAPORT JANSEWAMANCH BAREILLY PREIDENT PAMMI WARSI





MISSION CORUPTION REVOLUTION & SOCIAL WORKER ANNA HAZARE WITH SAPORT JANSEWAMANCH BAREILLY PREIDENT PAMMI WARSI KI BAREILLY WASIYON SE SAATH AANE KI APIL,
भ्रष्‍टाचार की भेंट चढ़ने वाली रकम का हिसाब लगाना नामुमकिन है। फिर भी एक मोटे अनुमान के आधार पर कहा जाए तो सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई जिस मकसद से शुरू की है, वह पूरा हो जाए तो सिर्फ चुनावी राजनी‍ति में ही ढाई लाख करोड़ रुपये के वारे-न्‍यारे होने से बच सकते हैं। भ्रष्‍टाचार की कीमत समाज को चौतरफा चुकानी पड़ती है। राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण के मोर्चे पर। दूसरी ओर, दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का अनशन दूसरे दिन भी जारी है।  समाज के अलग-अलग हिस्सों से अन्ना को समर्थन मिलने का सिलसिला जारी है।  

आर्थिक मोर्चे पर भ्रष्‍टाचार सीधे विकास और जीडीपी को प्रभावित करता है। विश्‍व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 1 खरब डॉलर से भी ज्‍यादा रकम हर साल भ्रष्‍टाचार की भेंट चढ़ जाती है। भारत जैसे विकासशील देशों में हर साल 20 से 40 अरब डॉलर लोग रिश्‍वत देने-लेने में होम कर देते हैं। इतनी बड़ी रकम की हेराफेरी का समाज पर गरीबी, भुखमरी, सुविधाहीनता, विकास की कमी आदि के रूप में जो असर पड़ता है, उसका हिसाब लगाना भी मुश्किल है।

केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्‍टाचार से भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) को गंभीर खतरा है और इसके परिणामस्‍वरूप देश का राजनीतिक और आर्थिक ढांचा चरमरा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रियल एस्‍टेट और निर्माण के कार्यों में सबसे अधिक भ्रष्‍टाचार होता है। इस तरह के अधिकतर काम राजधानी दिल्‍ली में होते हैं जहां इंफ्रास्‍टक्‍चर के क्षेत्र में अगले दशक तक डेढ़ खरब डॉलर खर्च किए जाने की योजना है। देश के दूरसंचार उद्योग में भी भ्रष्टाचार बुरी तरह घर कर चुका है।

अमेरिका स्थित ग्‍लोबल फाइनेंसियल इंटेग्रिटी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक उदारीकरण के दौर में भ्रष्‍टाचार बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक 1948 से 2009 के बीच भारत का 462 अरब डॉलर काली कमाई के तौर पर विदेशी बैंकों में जमा हुआ है। यह रकम भारत के विदेशी कर्ज (230 अरब डॉलर) का दोगुना और देश की जीडीपी का 16.6 प्रतिशत है। भारत को हुए इस आर्थिक नुकसान का करीब 68 प्रतिशत 1991 (उदारीकरण) के बाद ही हुआ है।

चुनावों से ढाई लाख करोड़ का चूना

मैनेजमेंट गुरू सी के प्रहलाद के मुताबिक भ्रष्‍टाचार की वजह से देश को ढाई लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इन्‍होंने राजनेताओं द्वारा चुनावों के दौरान किए जाने वाले खर्च और चुनाव जीत जाने के बाद इस खर्च को वसूलने की प्रवृत्ति को भ्रष्‍टाचार के लिए प्रमुख तौर पर जिम्‍मेदार माना है।

2009 में हुए लोकसभा चुनावों में देश में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें 1300 करोड़ चुनाव आयोग ने खर्च किए जबकि 700 करोड़ केंद्र व राज्‍य सरकारों ने खर्च किए। बाकी बचे 8000 करोड़ रुपये राजनीतिक दलों और उम्‍मीदवारों ने खर्च किए हैं। प्रहलाद कहते हैं कि यदि राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को शामिल कर लिया जाए तो यह रकम 25 हजार करोड़ को पार कर जाती है। उनका कहना है कि चुनावों में निवेश करना जोखिम भरा सौदा होता है लेकिन राजनेता इसके बदले में 10 गुनी कमाई भी कर लेते हैं।

5 घोटालों में लुट गया आधा खजाना

देश में पिछले एक साल में सामने आए पांच बड़े घोटालों में सरकारी खजाने को जितने का चूना लगा है, वह दो साल का राजकोषीय घाटा पाटने के लिए काफी है। इन घोटालों में करीब पांच (4.82) लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है। यह रकम कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष २०१०-११ के लिए भारत का सालाना खर्च 11.8 लाख करोड़ रुपये है। घोटाले में गंवाई गई रकम इसके आधे से थोड़ी ही कम है।

गौरतलब है कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद, जिसके आधार पर विकास दर तय होती है) करीब 55 लाख करोड़ रुपये है। इस रकम का 10 फीसदी केवल उन चंद लोगों की जेब में पहुंच गया, जिन्‍होंने ये 5 बड़े घोटाले किए।

इन घोटालों के चलते जनता को हुए नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष २०१०-११ के लिए सर्व शिक्षा अभियान का बजट सिर्फ 15,000 करोड़ रुपये है। ग्रामीण इलाकों में हर हाथ को काम देने की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के लिए 40,100 करोड़ रुपये, देश की बाहरी दुश्मनों से हिफाजत के लिए रक्षा बजट 1,47,344 करोड़ रुपये और स्कूलों में दोपहर के भोजन के लिए 9,300 करोड़ रुपये की रकम तय की गई थी। साफ है कि घोटाले में खोयी गई रकम से इन सभी योजनाओं को कई सालों तक चलाया जा सकता है।

ऑस्‍ट्रेलिया में भी भ्रष्‍टाचार से निपटने के लिए वहां की सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं। वहां हर साल सामाजिक सुरक्षा से जुड़े घपलों और रिश्‍वतखोर सरकारी अफसरों से सरकारी खजाने को 600 मिलियन ऑस्‍ट्रेलियाई डॉलर का चूना लगता है।

 आपकी राय

भारतीय समाज में फैले भ्रष्‍टाचार और इसे कम करने को लेकर आपकी क्‍या राय है? क्‍या भ्रष्‍टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि अब इसे मिटाना मुश्किल है या फिर सरकार इसे मिटाना नहीं चाहती? भ्रष्‍टाचार मिटाने में सरकार का ज्‍यादा रोल है या समाज का? क्‍या आप कल्‍पना कर सकते हैं कि भ्रष्‍टाचार पूरी तरह मिट जाए तो समाज  का स्‍वरूप कैसा होगा? अपनी बात नीचे कमेंट बॉक्‍स में लिखें और दुनिया भर के पाठकों से शेयर करें...

Wednesday, April 6, 2011

samajsewi anna hazare jii hum saath hai pammi warsi bareiily


JAN SEWA MANCH
tulsok eap

cjsyh lektlsoh vUuk gtkjs ds lkFk gj ns'koklh Hkz"Vkpkj ns'k ds fy, nhed dh Hkkafr tulsok eap ds v/;{k iEeh [kka okjlh us dgk fd ,aVhdjI'ku o foftysal foHkkx esa Hkz"Vkpkj lEcU/kh ekeyksa esa rsth ykus dh t:jr gSA fLVax vkWijs'ku ds nkSjku et+cwr lcwrksa dks gh lkFk j[kdj dke djus dh vko';drk gS ge lc ;qokvksa dks ,d ckj fQj ls Hkkjr esa ØkfUr ykuh gksxh vkSj bl ckj djI'ku ds fo:) ØkfUrdkjh gj ubZ ih<+h dks cuuk gksxk] vkus okyh ih<+h ds Hkfo"; ds fy,] ;fn Bku ysa rks ns'k esa ØkfUr dh ygj QSy tk;sxh fdlh Hkh jk"Vª dh 'kfDr ;qqok gh gksrs gSaA tks ml jk"Vª ds Hkfo"; dk fuekZ.k djrs gSa ge lcdk y{; jk"Vª fgr esa gksuk pkfg, vc cl t:jr gS Hkkjr ds gj 'kgj ls ØkfUrdkfj;ksa dks ,d= djus dh ns'k esa Hkz"Vkpkj dk egkjksx ns'k dh lsgr ds fy, uklwj cu tk;sxk bl fy, bldk tYn bykt djuk t:jh gS jkt/kkfu;ksa ls xzkeh.kksa rd vkSj laln ls uxjfuxe o iapk;r rd lHkh {ks=ksa esa Hkz"Vkpkjh ok;jl fgUnqLrku dh tM+ksa dks [kks[kyk dj jgk gS ;fn Hkkjr esa vUuk gtkjs }kjk izsf"kr yksdiky fcy dks eatwjh feyrh gS rks gj vke vkneh Hkz"Vkpkj dks u"V djus ds fy, l{ke gksxkA Hkkjr ljdkj dks bl ckj ;g igy djuh gksxhA vkSj bl desVh esa ns'k ds lHkh 'kgjksa ds ikap&ikap bZekunkj tulsoh;ksa dks desVh dk lnL; fu;qDr djuk pkfg, rkfd foy; ds gj Hkz"Vkpkjh dks csudkc fd;k tk lds A ns'k esa tc ØkfUrdkfj;ksa us fcxqy Qwdk rks vaxzst fgUnqLrku ls Hkkx x;s rks bl ckj ØkfUr yk;h tk;s rks ns'k ds Hkz"Vkpkjh ;k rks ns'k NksM+dkj Hkkx tk;saxs ;k fQj tsy esa ml rjg jgsaxs tSls fpfM+;k?kjksa esa tkuoj dSn jgrs gSa vkSj yksx mudks rek'kxhu dh rjg ns[ksaxsA ge vUuk gtkjs ds lkFk ØkfUrdkjh cuus dks rS;kj gSa D;k vki ØkfUrdkjh cusaxsA cl vc ,d gksus dh t:jr gSA

Sunday, April 3, 2011

जनसेवा मंच ने शाहदाना वली साहब की दरगाह पर पम्मी खां वारसी, ने चादरपोशी की।

























































JAN SEWA MANCH
tulsok eap
cjsyh oYMZdi fgUnqLrku vk;kA gt+jr 'kkgnkuk oyh lkgc dh njxk+g ij yxkbZ x;h vthZ gqbZ dke;kcA tulsok eap ds v/;{k iEeh [kka okjlh us fnukad 4 Qjojh 2011 dks ljdkj gt+jr 'kkgnkuk oyh lkgc dh njxk+g ij n[kkZLr yxkdj Hkkjrh; Vhe dh lykerh o dke;kch dh xqgkj dh FkhA gt+jr 'kkgnkuk oyh lkgc dh njx+kg ij yxkbZ xbZ n[kkZLr esa dgk x;k FkkA ljdkj 'kkgnkuk oyh lkgc vLlyke vySdqe] ljdkj ge vdh+nr o ,grjke ds lkFk vkidh ckjxkg esa n[kkZLr is'k djus ds fy, gkftj gq, gSaA bl ckj gekjh vkils [kqlwlh n[kkZLr gS fd oYMZdi 2011 gekjs eqYd fgUnqLrku esa eqdEey dke;kch ds lkFk vk;sA vkSj [ksy ds eSnku esa Hkh fgUnqLrku dk frjaxk ijpe iwjh nqfu;k esa ygjk;s blh ds lkFk gekjh nwljh n[kkZLr ;g gS fd fgUnqLrku ds fØdsV Vhe ds dIrku egsUnz flag /kksuh] dksp xSjh dLVuZ] f[kykM+h t+ghj [kkau] equkQ iVsy] vk'kh"k usgjk] vkj0 vf'ou] gjHktu flag] ;wlqQ iBku] lfpu rsanqydj] ohjsUnz lgokx] izohu dqekj] xkSre xEHkhj] ih;wl pkoyk] fojkV dksgyh] lqjs'k jSuk] ;qojkt flag vkSj gekjh Vhe ds MkDVj tkSu xyksLVj ges'kk ranq:Lr o rokuk jgsa vkSj pqLr o nqq:Lr jgdj gkfy;k oYMZdi dks thrdj fgUnqLrku dk uke jkS'ku djsaA ge vkids vglkuean gSa vkSj vkbUnk Hkh jgsaxsA feutkfuc iEeh [kka okjlh ¼lnj½ tulsok eap cjsyh] ;gh n[kkZLr fy[kdj is'k dh xbZ FkhA tks iwjh gks x;h vkt lHkh tulsoh;ksa us njx+kg ij 'kqfØ;k dh pknj is'k dhA bl n[kkZLr ls iwoZ Hkh tulsok eap ds iEeh okjlh us fgUnqLrku ls vkradokn [kRe gks bldh Hkh vthZ 4 lky igys yxkbZ FkhA oks Hkh eqjkn iwjh gqbZ FkhA ljdkj 'kkgnkuk oyh lkgc dh njxk+g ,d ,slh njx+kg gS ftlesa tks Hkh lPps eu o fny ls nqvk ekaxh tkrh gSA oks ;dh+uu iwjh gksrh gSA oks vius cUnks dh tk;t eqjknksa o nqvkvksa dks vYykg rd igaqpkrs gSaA bl ekSds ij njxk+g ds eqrkoYyh vCnqy okftn [kka cCcw us dgk fd gt+jr nkuk fe;ka us bf.M;u Vhe ds fy, vYykg ls nqvk dh vkSj dke;kc gqbZ vc Hkkjrh; Vhe dks njxk+g ij vkudj gkft+jh nsuk pkfg,A vkSj nqvkvksa ls QSt;kc gksuk pkfg,A bl ekSds ij tuslok eap ds v/;{k iEeh [kka okjlh] cjsyh ;wFk ds v/;{k lqgsy 'kElh] eqrkoYyh vCnqy okftn [kka cCcw] 'kQhdmn~nhu] eks0 th+'kku gSnj] fo'kky esgjks=k] lfpu eDdM+] vt; xkck] viwoZ vxzoky] lehmjZgeku] eqUuk pkS/kjh] 'khjkst+ lSQ dqjS'kh] tquSn vgen] gkth 'kkost gk'keh] okfjl lbZn] nhid esgjks=k] vyh eksgEen [kkau] HkwisUnz flag] mLeku [kkau vkfn us 'kqfØ;k dh pknj vnk dhA