Thursday, March 31, 2011

JEETO INDIA KHELO INDIA

JAN SEWA MANCH
tulsok eap

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Tuesday, March 29, 2011

amar ujala 09.03.2011 hindustan , compect DAINIK JAGRAN & KHUSROO MAIL BAREILLY







आज मत काटना बिजली Dainik jagran 30.03.2011
बरेली : जन सेवा मंच और बरेली यूथ ने भारत पकिस्तान के सेमिफाइनल मैच के दौरान बिजली की कटौती न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैच के दौरान हर कोई टीवी सेट से चिपका रहेगा। इसके लिए जरूरी है कि बिजली लगातार रहे। इसके संगठन के कार्यकर्ताओं ने मुख्य अभियंता हरीश चंद्र को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में विशाल मेहरोत्रा, पम्मी खां वारसी, अजय गावा, सचिन, अपूर्व अग्रवाल, मोहित टंडन, फिरोज सैफ, धीरज दीक्षित, अनुराग सिंह नीटू, आमिर रजा खां, सोनू आदि थे।

Sunday, March 20, 2011

Dainik jagran 20.03.2011 सपने साकार करने की जुस्तजु बनी जुनून बुलंद हौसले के आगे शिकस्त खा गई अपंगता, हाथ पांव वालों के लिए बने नजीर बरेली : कुदरत और वक्त ने भले साथ न दिया पर बुलंद हौसले से हर सपने को सच दिखाया। दुनिया ने हमदर्दी दिखाई पर खुद के बूते वह मुकाम पा लिया कि लोगों के लिए नजीर बन गये। शहर के ओमकार नाथ, नाहिद बेग और पम्मी खां वारसी ऐसे शख्श हैं जिनसे विकलांगता हार गई। मोहम्मद खालिद खान की रिपोर्ट। पम्मी खां वारसी ग्यारह माह में पोलियो का शिकार हुए पम्मी का इलाज कराने की तमाम कोशिशें हुईं मगर सफलता नहीं मिली। बरेली कालेज से स्नातक करने के साथ वह सामाजिक कार्यो में जुटे रहते हैं। मिस्त्र और लीबिया में फेसबुक के जरिये जन आन्दोलन तो हाल की बात है ऐसा ही एक कारनामा वह पिछले साल अगस्त में कर चुके हैं। कोहिनूर का नूर हमारा है इस मुहिम को उन्होंने शुरू किया जिसमें 75,0000 लोगों का समर्थन मिला। भारत यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री को इस प्रकरण सफाई देनी पड़ी। इसके अलावा पम्मी ने बाढ़ पीडि़तों व दैवीय आपदा से पीडि़तों की भी मदद की है। प्रशासन के सहयोग से शहर में ईव टीजिंग मामलों में आपरेशन दीदी भी चलवाया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब हाफिज रहमत खां का मकबरा बनवाया अब इस स्थल को पर्यटन के मानचित्र में लाने का प्रयास कर रहे है। ओमकार नाथ एडवोकेट चाय विक्रेता से मुंशी, अर्जी नवीस, कातिब और अब वकील बने ओमकार का सपना जज बनने का है। महज सात साल की उम्र में करंट लगने से दोनों हाथ गवां बैठे, फिर रामगंगा के सैलाब ने पैतृक खेती और घर निगल लिया तो सीबीगंज के नंदौसी गांव में आशियाना बनाया। पिता का साया सिर से उठ गया फिर भी उनकी मां उन्हें पढ़ने को प्रोत्साहित करती रहीं। दिक्कतें आयीं, गांव के मास्टर जी ने दोनों हाथों से असहाय बच्चे को पढ़ाने से मना कर दिया। काफी मान मनौव्वल के बाद मास्टरजी राजी हुए तो बोले पहले लिखकर दिखाओ। कोहनी तक कटे हाथों में लकड़ी फंसाकर जमीन में छोटा अ लिखकर दिखाया तब एडमिशन हो सका। इलाहाबाद से हाईस्कूल, इंटर और हरदोई से गे्रजुएशन करने के बाद कचहरी में वकील चौधरी सहदेव सिंह के यहां 5 रुपये रोज पर काम शुरू कर दिया। एलएलबी करने के बाद जज बनने की तमन्ना है मगर अक्षमता आड़े आ रही। अपनी मां को आदर्श मानने वाले ओमकार इन दिनों जीवन संगिनी की तलाश में हैं। नाहिद बेग तीन साल की उम्र में पोलियो होने पर वालिद ने तमाम कोशिश की पर बेटे को अपने पैरों पर खड़ा नहीं कर पाये। एक डॉक्टर ने यकीन दिलाया कि आपरेशन से पैर ठीक हो सकता है तो वह भी कराया। पर डॉक्टर की लापरवाही से पैर में सेप्टिक हुआ और बाद में उसे काटना पड़ गया। दूसरों की हमदर्दी के बीच बड़े हुए नाहिद ने वालिद की फिक्र कम करने के लिए खुद मुकाम पाने की ठान ली। बरेली कालेज से बीकाम करके घर में बच्चों को कोचिंग भी देते हैं। अब ख्वाहिश है अपने जैसों के लिए ऐसा ठिकाना बनाने की जहां शिक्षा के साथ रोजगार का भी जुगाड़ हो सके। थियेटर के शौकीन नाहिद बेग ने कई नुक्कड़ नाटकों का निर्देशन भी किया है। रियलिटी शो डांस इंडिया डांस की ट्राफी जीतने की तैयारी में हैं।


Dainik jagran 20.03.2011

सपने साकार करने की जुस्तजु बनी जुनून

बुलंद हौसले के आगे शिकस्त खा गई अपंगता, हाथ पांव वालों के लिए बने नजीर
बरेली : कुदरत और वक्त ने भले साथ न दिया पर बुलंद हौसले से हर सपने को सच दिखाया। दुनिया ने हमदर्दी दिखाई पर खुद के बूते वह मुकाम पा लिया कि लोगों के लिए नजीर बन गये। शहर के ओमकार नाथ, नाहिद बेग और पम्मी खां वारसी ऐसे शख्श हैं जिनसे विकलांगता हार गई। मोहम्मद खालिद खान की रिपोर्ट।
पम्मी खां वारसी ग्यारह माह में पोलियो का शिकार हुए पम्मी का इलाज कराने की तमाम कोशिशें हुईं मगर सफलता नहीं मिली। बरेली कालेज से स्नातक करने के साथ वह सामाजिक कार्यो में जुटे रहते हैं। मिस्त्र और लीबिया में फेसबुक के जरिये जन आन्दोलन तो हाल की बात है ऐसा ही एक कारनामा वह पिछले साल अगस्त में कर चुके हैं। कोहिनूर का नूर हमारा है इस मुहिम को उन्होंने शुरू किया जिसमें 75,0000 लोगों का समर्थन मिला। भारत यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री को इस प्रकरण सफाई देनी पड़ी। इसके अलावा पम्मी ने बाढ़ पीडि़तों व दैवीय आपदा से पीडि़तों की भी मदद की है। प्रशासन के सहयोग से शहर में ईव टीजिंग मामलों में आपरेशन दीदी भी चलवाया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब हाफिज रहमत खां का मकबरा बनवाया अब इस स्थल को पर्यटन के मानचित्र में लाने का प्रयास कर रहे है। ओमकार नाथ एडवोकेट चाय विक्रेता से मुंशी, अर्जी नवीस, कातिब और अब वकील बने ओमकार का सपना जज बनने का है। महज सात साल की उम्र में करंट लगने से दोनों हाथ गवां बैठे, फिर रामगंगा के सैलाब ने पैतृक खेती और घर निगल लिया तो सीबीगंज के नंदौसी गांव में आशियाना बनाया। पिता का साया सिर से उठ गया फिर भी उनकी मां उन्हें पढ़ने को प्रोत्साहित करती रहीं। दिक्कतें आयीं, गांव के मास्टर जी ने दोनों हाथों से असहाय बच्चे को पढ़ाने से मना कर दिया। काफी मान मनौव्वल के बाद मास्टरजी राजी हुए तो बोले पहले लिखकर दिखाओ। कोहनी तक कटे हाथों में लकड़ी फंसाकर जमीन में छोटा अ लिखकर दिखाया तब एडमिशन हो सका। इलाहाबाद से हाईस्कूल, इंटर और हरदोई से गे्रजुएशन करने के बाद कचहरी में वकील चौधरी सहदेव सिंह के यहां 5 रुपये रोज पर काम शुरू कर दिया। एलएलबी करने के बाद जज बनने की तमन्ना है मगर अक्षमता आड़े आ रही। अपनी मां को आदर्श मानने वाले ओमकार इन दिनों जीवन संगिनी की तलाश में हैं। नाहिद बेग तीन साल की उम्र में पोलियो होने पर वालिद ने तमाम कोशिश की पर बेटे को अपने पैरों पर खड़ा नहीं कर पाये। एक डॉक्टर ने यकीन दिलाया कि आपरेशन से पैर ठीक हो सकता है तो वह भी कराया। पर डॉक्टर की लापरवाही से पैर में सेप्टिक हुआ और बाद में उसे काटना पड़ गया। दूसरों की हमदर्दी के बीच बड़े हुए नाहिद ने वालिद की फिक्र कम करने के लिए खुद मुकाम पाने की ठान ली। बरेली कालेज से बीकाम करके घर में बच्चों को कोचिंग भी देते हैं। अब ख्वाहिश है अपने जैसों के लिए ऐसा ठिकाना बनाने की जहां शिक्षा के साथ रोजगार का भी जुगाड़ हो सके। थियेटर के शौकीन नाहिद बेग ने कई नुक्कड़ नाटकों का निर्देशन भी किया है। रियलिटी शो डांस इंडिया डांस की ट्राफी जीतने की तैयारी में हैं।

Saturday, March 12, 2011

शमा जलाकर दी मृतकों को श्रद्घांजलि

शमा जलाकर दी मृतकों को श्रद्घांजलि dainik jagran 13.03.2011
बरेली : जापान में जलजले और सुनामी की चपेट में आकर मारे गये लोगों के लिये बरेली यूथ ने दो मिनट का मौन धारण किया। मोमबत्ती जलाकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। साथ ही जापान में चार ट्रेनों और एक जहाज के गायब होने पर उसमें फंसे लोगों के जिंदा सलामत होने के लिये दुआएं भी कीं। चौकी चौराहा स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास फूलों से वी पे आवर ट्रिबियूट द अर्थक्विक विक्टिम्स ऑफ जैपनीस लिखकर मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। साथ ही भूकंप और सुनामी में मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान विशाल मेहरोत्रा, पम्मी खां वारसी, डा. इन्तेखाब आलम, अजय गाबा, मुन्ना चौधरी, अपूर्व अग्रवाल, सचिन मक्कड़, मोहित टंडन, डा. नसीम अख्तर, असलम चौधरी, अजय शुक्ला, प्रभातगिरि, अली मोहम्मद खान, शबाना नदीम, पुरूषोत्तम कुमार, सैय्यद चमन, हाजी जुबैर, अनुराग सिंह नीटू, सैय्यद सैफ अली, धीरज दीक्षित, वसीम, मोनू पाठक, मो. आसिम, नईम, ललित अजीम, शीला, केशव, फिरोज, बिलाल, केतन, इमरान, समीउर्रहमान आदि मौजूद रहे।

Thursday, March 10, 2011

HAJ COMMITTEE OF INDIA FORM 2011

HAJ COMMITTEE OF INDIA FORM 2011              JANSEWA MANCH BAREILLY

Tuesday, March 8, 2011

Holi is one of the major festivals of Hindus. It is celebrated in many parts of India, but especially in the north of India. The festival is celebrated for two to three days. People pour colored water on each other and cook many types of sweets and other food. Holi is celebrated in spring because it is welcoming spring. They believe spring is full of colours so the throw coloured water on eachother. They also believe that it welcomes the new year, so it's actually also a sort of New Year for them. It is interesting how holi started. Here's a story: Hiranyakasipu (the king of demons) had son, Prahlad. Prahlad was the greatest devotee of Lord Vishnu.Hiranyakashyap wanted to kill his son.So he called his sister,Holika. (Holika = holi). She had a magic robe.This robe had the power to save the wearer from burning in fire. Hiranyakashyap ordered his sister to sit on burning fire along with prahlad.He thought that her sister would not be harmed by fire because of the magic robe and Prahlad would be burnt to death. But the result was the opposite to what the evil demon king planned. As is believed, no one can harm the person who has God as his saviour. Thus Prahlad came out of the burning fire safely and Holika was burnt to death.The other day is celebrated with joyful colours to mark the victory of virtue And goodness over evil. The festival is celebrated for five days.The 5th day Rang Panchmi marks the Closing day of Holi festival.

Holi is one of the major festivals of Hindus. It is celebrated in many parts of India, but especially in the north of India. The festival is celebrated for two to three days. People pour colored water on each other and cook many types of sweets and other food. Holi is celebrated in spring because it is welcoming spring. They believe spring is full of colours so the throw coloured water on eachother. They also believe that it welcomes the new year, so it's actually also a sort of New Year for them. It is interesting how holi started. Here's a story: Hiranyakasipu (the king of demons) had son, Prahlad. Prahlad was the greatest devotee of Lord Vishnu.Hiranyakashyap wanted to kill his son.So he called his sister,Holika. (Holika = holi). She had a magic robe.This robe had the power to save the wearer from burning in fire. Hiranyakashyap ordered his sister to sit on burning fire along with prahlad.He thought that her sister would not be harmed by fire because of the magic robe and Prahlad would be burnt to death. But the result was the opposite to what the evil demon king planned. As is believed, no one can harm the person who has God as his saviour. Thus Prahlad came out of the burning fire safely and Holika was burnt to death.The other day is celebrated with joyful colours to mark the victory of virtue And goodness over evil. The festival is celebrated for five days.The 5th day Rang Panchmi marks the Closing day of Holi festival.

Dainik Jagran 08.03.02011 आला हजरत मार्ग खोद डाला, गलियों में जाम बरेली: बिहारीपुर ढाल से दरगाह आला हजरत जाने वाले मार्ग को निर्माण के लिए खोद दिया गया। इससे यातायात गलियों में डाइवर्ट होने से वहां जाम लग गया। स्कूली बच्चों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस मार्ग को बनाने की तैयारी आला हजरत के उर्स के दौरान शुरू हुई थी। साढ़े 12 लाख में टेंडर भी हो गया था लेकिन कहीं काम तय समय में पूरा नहीं हो पाए, इसलिए शुरू नहीं किया गया। अब आकर रात में सड़क को खोद दिया गया। इससे बिहारीपुर मे मेन रोड बंद हो गया। वाहन गलियों से निकलने लगे। चूंकि ज्यादातर गलियां संकरी हैं, इसलिए वहां जाम लगने लगा। पूरे दिन यही हालत रही। स्कूल छूटने के दौरान यातायात पूरी तरह ठहर गया। जिस तरह खुदाई की जा रही है, उसे देखते हुए मार्ग के कम से कम 15 दिन लगने की संभावना है। मार्ग की खुदाई के दौरान सभासद प्रहलाद मेहरोत्रा और उनके जाने के बाद बरेली यूथ के पदाधिकारी विशाल मेहरोत्रा, पम्मी खां वारसी, समीउर्रहमान. मोहित टंडन, मुहम्मद इमरान, दानिश रजा, मुहम्मद बिलाल, अजय गाबा भी पहुंचे। इस रोड को लेकर अच्छी खासी राजनीति भी शुरू हो गई थी। बहरहाल, जैसे-तैसे अब आकर शुरू हो गया है।

Dainik Jagran 08.03.02011
आला हजरत मार्ग खोद डाला, गलियों में जाम
बरेली: बिहारीपुर ढाल से दरगाह आला हजरत जाने वाले मार्ग को निर्माण के लिए खोद दिया गया। इससे यातायात गलियों में डाइवर्ट होने से वहां जाम लग गया। स्कूली बच्चों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस मार्ग को बनाने की तैयारी आला हजरत के उर्स के दौरान शुरू हुई थी। साढ़े 12 लाख में टेंडर भी हो गया था लेकिन कहीं काम तय समय में पूरा नहीं हो पाए, इसलिए शुरू नहीं किया गया। अब आकर रात में सड़क को खोद दिया गया। इससे बिहारीपुर मे मेन रोड बंद हो गया। वाहन गलियों से निकलने लगे। चूंकि ज्यादातर गलियां संकरी हैं, इसलिए वहां जाम लगने लगा। पूरे दिन यही हालत रही। स्कूल छूटने के दौरान यातायात पूरी तरह ठहर गया। जिस तरह खुदाई की जा रही है, उसे देखते हुए मार्ग के कम से कम 15 दिन लगने की संभावना है। मार्ग की खुदाई के दौरान सभासद प्रहलाद मेहरोत्रा और उनके जाने के बाद बरेली यूथ के पदाधिकारी विशाल मेहरोत्रा, पम्मी खां वारसी, समीउर्रहमान. मोहित टंडन, मुहम्मद इमरान, दानिश रजा, मुहम्मद बिलाल, अजय गाबा भी पहुंचे। इस रोड को लेकर अच्छी खासी राजनीति भी शुरू हो गई थी। बहरहाल, जैसे-तैसे अब आकर शुरू हो गया है।

Sunday, March 6, 2011

Pride of India, भारत की शान , 2011







Pride of India,
भारत की शान ,
2011                                                   jansewamanch president Pammi Warsi